लोकतंत्र दुख पाता है -
फिर संसद ने टेर लगाई
समय खड़ा मुसकाता है
समय खड़ा मुसकाता है
लगा सभा हर मंच दहाड़ा
सेहरा बाँधे हँसे चुनाव
झूठ पहनकर चोगा व्हाइट
सच बेचारा रहा फँसाव
सेहरा बाँधे हँसे चुनाव
झूठ पहनकर चोगा व्हाइट
सच बेचारा रहा फँसाव
बग़लें झाँके वोट यहाँ अब
लोकतंत्र दुख पाता है
लोकतंत्र दुख पाता है
हर चौराहा इशतहार बन
रोक रहा जन मन के पाँव
कुर्सी दल बल बनकर देखो
लगा रही है शकुनी दॉव
रोक रहा जन मन के पाँव
कुर्सी दल बल बनकर देखो
लगा रही है शकुनी दॉव
सुबहा खड़ी अपलक निहारे
दिनकर रोता आता है।
दिनकर रोता आता है।
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गीता पंडित
5 मई 2019
2 comments:
ब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सब को विश्व हास्य दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ !!
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 05/05/2019 की बुलेटिन, " विश्व हास्य दिवस की हार्दिक शुभकामनायें - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना 8 मई 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
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