tag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post2213802183873578998..comments2024-02-02T09:00:09.774-08:00Comments on हम और हमारी लेखनी: नव-वर्ष के नाम नेह की .... गीता पंडित ( आज मेरा एक नवगीत मेरे आने वाले संग्रह से )गीता पंडितhttp://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-54385579195176075792012-01-14T02:23:15.348-08:002012-01-14T02:23:15.348-08:00बहुत सुन्दर कवितायें...दोनों ही..
सादर.बहुत सुन्दर कवितायें...दोनों ही..<br />सादर.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-41965943566639194012012-01-05T22:05:59.237-08:002012-01-05T22:05:59.237-08:00नव - वर्ष के नाम नेह की
देख वसीयत कर जाएँ |
किर...नव - वर्ष के नाम नेह की <br />देख वसीयत कर जाएँ |<br /><br /><br />किरण चढी जो चौबारे पर <br />तल में आकर अब वो देखे <br />हाँडी चूल्हे पर रखी है <br />दाल बिना ये कैसे लेखे <br />कम्पित हैं तन कम्पित हैं मन <br />अँखियों में सपने कब खेले <br />कचरे में क्या बीन रहे हैं <br />कहाँ खिलौने के वो मेले <br /><br /><br />विगत हुआ उसको जाने दें <br />देख नया कुछ कर जाएँ |<br /><br /><br />बहुत हुए विस्फोट नेह के <br />नयनों में बहता है सागर<br />कहीं कांपती देह धरा की <br />बाढ़ सुनामी है मन गागर <br />कहीं कमल की पाँखुरियों पर<br />अब भी सूरज धधक रहा है <br />वही जाँघ दुश्शासन की है<br />त्रिया का मन दहक रहा है <br /><br /><br />दर्पण का मन हो ना मैला <br />मन सुरभी भर कर जाएँ ........ गीता पंडित <br /><br /><br />(मेरे आने वाले संग्रह से )... फिर से कुछ बदलाव के साथ साभार प्रस्तुत कर रही हूँ...गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-88951834175315220872012-01-05T22:03:51.306-08:002012-01-05T22:03:51.306-08:00This comment has been removed by the author.गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-46589555044380055342012-01-05T22:02:55.504-08:002012-01-05T22:02:55.504-08:00आप सभी मित्रों का आभार ...
नव-वर्ष की ढेर सारी शु...आप सभी मित्रों का आभार ...<br /><br />नव-वर्ष की ढेर सारी शुभ कामनाएँ ..गीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-68927714195740772992012-01-05T10:02:08.156-08:002012-01-05T10:02:08.156-08:00Vah geeta ji bahut hi yatharthata ke sath lay me a...Vah geeta ji bahut hi yatharthata ke sath lay me apki rachana lagi ... bahut bahut badhaiNaveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-75280745128884150402012-01-03T18:04:16.041-08:002012-01-03T18:04:16.041-08:00"विगत हुआ उसको जाने दें देख नया कुछ कर जाएँ....."विगत हुआ उसको जाने दें देख नया कुछ कर जाएँ..नव - वर्ष के नाम नेह की देख वसीयत कर जाएँ !! " आनंद आ गया ! नेह की चाहत हर मन मे बस जाये तो यह धरा स्वर्ग हो जाये ! ईश्वर भी तो नेह चाहता होगा । क्यों न वह मेघ से नेह ही बरसा दे !RDShttps://www.blogger.com/profile/14134695386879343906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-73484978994078380462012-01-03T02:44:55.641-08:002012-01-03T02:44:55.641-08:00नेह की वसीयत …………वाह गीता जी बहुत सुन्दर ख्याल्………...नेह की वसीयत …………वाह गीता जी बहुत सुन्दर ख्याल्………शानदार प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-52486284960610103202012-01-03T02:27:18.058-08:002012-01-03T02:27:18.058-08:00bahut sunder geet di....man sochne par vivash ho g...bahut sunder geet di....man sochne par vivash ho gaya.....अंजू शर्माhttps://www.blogger.com/profile/13237713802967242414noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-38464125792570654032012-01-03T01:30:26.106-08:002012-01-03T01:30:26.106-08:00कहीं कमल की पंखुरियों पर अब भी सूरज धधक रहा है... ...कहीं कमल की पंखुरियों पर अब भी सूरज धधक रहा है... उम्दा!कल्पना पंतhttps://www.blogger.com/profile/03378819247407268207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-37921643972820079722012-01-03T00:56:53.570-08:002012-01-03T00:56:53.570-08:00अति सुंदर गीताजी ! ’नेह की वसीयत’ अत्यंत पावन भाव ...अति सुंदर गीताजी ! ’नेह की वसीयत’ अत्यंत पावन भाव और सुंदर कल्पना एवं उपमानों से सजा खूबसूरत गीत ! बधाई !sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.com