tag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post1046944670670807241..comments2024-02-02T09:00:09.774-08:00Comments on हम और हमारी लेखनी: डॉ अलका सिंह का आलेख ...अशोक कुमार पाण्डेय के आलेख . ''कृतज्ञ पुरुष का आख्यान '' पर.गीता पंडितhttp://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-80513999351623450392012-02-19T11:09:38.195-08:002012-02-19T11:09:38.195-08:00इसका विस्तार में उत्तर मैंने मूल पोस्ट पर अलका जी ...इसका विस्तार में उत्तर मैंने मूल पोस्ट पर अलका जी के ब्लॉग पर दिया है.Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-7101654654459434662012-02-05T00:57:06.508-08:002012-02-05T00:57:06.508-08:00देवताले जी की कविताओं को इस नजरिए से देखना अच्छा ...देवताले जी की कविताओं को इस नजरिए से देखना अच्छा लगा। आपने बहुत गंभीर विमर्श किया है।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-45143493064654145672012-01-10T09:59:38.588-08:002012-01-10T09:59:38.588-08:00Bahut kuch sahmat hoon. lekh acchaa aur tathyaatma...Bahut kuch sahmat hoon. lekh acchaa aur tathyaatmak hai.Koi tippani na dekh aashchrya hua. Shayad purush maansikta ise sveekarne ko prastut nahin hai.Basanthttps://www.blogger.com/profile/15642125241765203051noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736717499710146255.post-73614829753396610832012-01-10T00:00:50.509-08:002012-01-10T00:00:50.509-08:00अलका जी आपकी समीक्षा को हर बार पढ रही हूँ और आपके ...अलका जी आपकी समीक्षा को हर बार पढ रही हूँ और आपके प्रश्नो को समझ भी रही हूँ …………सोचने को विवश करती है आपकी सोच और प्रतिक्रिया …………इस पर मैने एक कविता लिखी है जिसमे पुरुष का पक्ष भी है कुछ हद तक मगर क्यों ये भी मैने लिखा है ………शायद कहीं ना कहीं हमारी ही कमजोरियों ने पुरुष को उसकी मानसिकता को ऐसा सोचने और करने पर विवश किया है और आज तो वो संस्कारो मे इतना गहरा बैठ गया है कि उससे इतर वो सोच ही नही पाते अब वक्त आ गया है कि हमे परिपाटियाँ बदलनी होंगी और उसके लिये आप जैसे समीक्षक की जरूरत है तभी जन जागृति संभव है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com